हर व्यक्ति जो नौकरी करता है उसे अपनी सैलरी से ही अपनी छोटी-छोटी खुशियों को पूरा करना पड़ता है।

इन छोटी-छोटी खुशियों में से कुछ लोग घर खरीदने के लिए लोन ले लेते हैं।

तो कुछ लोग अपने घर के लिए बड़े-बड़े इलेक्ट्रिक सामान या फिर कार खरीदने के लिए लोन ले लेते हैं।

 इन सभी कामों के लिए वे कभी-कभी क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल करते हैं। 

जब आप बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक आपके लोन के अमाउंट में इंश्योरेंस के अमाउंट को भी शामिल कर देता है।

आपको यह समझाया जाता है कि इस पॉलिसी के लिए आपको कुछ नहीं करना होगा। 

आपके लोन प्रीमियम में मात्र कुछ सैकड़ रुपये जोड़े जाते हैं जो आपके लोन की ईएमआई के साथ ही धीरे-धीरे चुकता हो जाता है।

इसका मतलब है कि हम सभी इसे झट से स्वीकार कर लेते हैं यह एक बहुत छोटी राशि होती है जो हम सभी के लिए असंभव होती है। 

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